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बिहार सरकार के अधीन एक स्वतंत्र और प्रभावी छवि .... |
Date :2016-02-08 |
बिहार सरकार के अधीन एक स्वतंत्र और प्रभावी छवि वाले सरकारी उपक्रम के रूप में महिला विकास निगम एवं जीविका आज अपनी कुशल व्यावहारिक पहचान को स्थापित कर चुका है | सम्प्रति निगम द्वारा महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण के आयाम को संबोधित करने वाले राज्य सरकार के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों “मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना” और “मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना” का संचालन किया जा रहा है तथा बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति ‘जीविका’ के द्वारा स्वयं सहायता समूहों का गठन, सुदृढ़ीकरण व उनका क्षमता निर्माण भी किया जा रहा है जो राज्य के अभिवंचित वर्गों के प्रति दोनों संस्थाओं की प्रतिबद्धता को दर्शाती है | इसी क्रम में डी.एफ.आई.डी. संपोषित ‘स्वस्थ’ परियोजना के अन्तर्गत कुपोषण के प्रति जागरुकता बढ़ाने, पोषण के स्तर में सुधार लाने, व्यवहार में परिवर्तन लाने हेतु सहभागिता, सीख एवं क्रियान्वन पद्धति पर आधारित ‘ग्राम वार्ता’ कार्यक्रम महिला विकास निगम, जीविका एवं महिला समाख्या के समूहों द्वारा राज्य के 22 जिलों के 84 प्रखंडों में सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है जिसमें लगभग 84,000 स्वयं सहायता समूह की महिलायें प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं | इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं, किशोरियों, समुदाय तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता एवं जेंडर सम्बन्धी मुद्दों पर संवेदनशील बनाना है ताकि स्वस्थ्य व समृद्ध बिहार का निर्माण किया जा सके | महिला विकास निगम, जीविका, बीटास्ट एवं एकजुट के उन सभी पदाधिकारियों को मैं धन्यवाद देती हूँ जिन्होंने इस मार्गदर्शिका की रूपरेखा तैयार करने हेतु अपने महत्वपूर्ण विचारों को साझा करते हुए रचनात्मक सहयोग प्रदान किया है | आशा है कि इस मार्गदर्शिका में संकलित की गई जानकारियाँ ज्ञान वर्धन का काम करेगी |
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यह वर्ष बिहार के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। |
Date :2016-02-06 |
यह वर्ष बिहार के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान महिला विकास निगम, बिहार राज्य सरकार की महत्वपूर्ण ‘‘मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना’’ के अतंगर्त महिलाओं के उत्थान के लिए निरन्तर प्रयासरत रहा है, जिसमें महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों का निर्माण कर, उन्हें आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि लायी जाती है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत, कार्यक्षेत्र में विस्तार कर अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को स्वंय सहायता समूहों में गठित कर उनका विकास किया जा रहा है, जिसके प्रभावी परिणाम सामने आए हैं। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि उनमें नई चेतना और जागरूकता का सृजन भी हुआ है। ऐसी ही कुल सौ सफल प्रयास पुस्तक में संकलित किया गया है जो कि अत्यंत प्रेरणादायक है और उनके सर्वांगीण विकास को दर्शाती है। बिहार शताब्दी वर्ष के अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ देती हूँ तथा आपके उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ।
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ग्रामवर्ता परियोजना महिलाओं एवं बच्चों के .... |
Date :2016-02-07 |
ग्रामवार्ता परियोजना महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य , पोषण एवं स्वच्छता के स्तर को बेहतर बनाने की महिला विकास निगम की एक सहभागी पद्धति है। जन-जन तक उच्चस्तरिय स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं, सुलभ कराने के लिए लोक भागीदारी एक सशक्त माध्यम है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर निगम द्वारा स्वस्थ (SWASTH) परियोजना के अंतर्गत डी.एफ.आई.डी. के सहयोग से ग्रामवार्ता परियोजना का संचालन किया जा रहा है। लोक भागीदारी को सार्थक बनाने के उद्देश्य से एक प्रशिक्षण मार्गदर्शिका तैयार की गई है जिसके माध्याम से स्वंय सहायता समूह की महिलायें समुदाय में स्वास्थ्य, पोषण व स्वच्छता के स्तर में सुधार ला पायेंगी। इस मार्गदर्शिका का लक्ष्य इन विषयों पर विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी प्रदान करते हुए लोगों को जागरूक करना है। महिला विकास निगम द्वारा स्वंय सहायता समूहों की सहकारी समिति, जीविका के ग्राम संगठन एवं बिहार महिला समाख्या सोसायटी द्वारा गठित फेडरेशन के साथ मिलकर राज्य के 16 जिलों के 74 प्रखंडों में ग्रामवार्ता परियोजना का संचालन किया जा रहा है जिससे 50,000 से भी अधिक स्वंय सहायता समूह एवं उसकी सदस्य लाभान्वित होंगी। यह प्रशिक्षण मार्गदर्शिका परियोजना कर्मियों की क्षमतावर्धन में भी सहायक होंगी। मैं इसकी सफलता के लिए शुभकामना देती हूँ ।
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